चांद के पार ...
चलो कहीं हम मिलकर देखे
वो ख्बाब अधूरे आधे से
आज उन्हें फिर पूरा करके
हम जीवन में अमृत भर लें
कहीं किसी की भूख मिटा दें
तन पर कुछ कपडा पहना दें
बेघर को घरबार दिला दें
चमक जगा दें चेहरे पे
किसी जगह हम ऎसी पहुंचें
हो जहां सजे सपने अपने
अपने ही दिल से ये पूछ लें
क्या बन सकते इंसान नये
इस धरती के सुख की खातिर
चलो चांद के पार चलें ...
अभय शर्मा, भारत, 4 फरवरी 2009 11.13 रात्रि प्रहर
Come lets us walk together
In search of unmet dreams
In quest to make them true
To fill life with new brew
To quench the hunger of few
Let clothes be on them too
For homeless a home too new
So smile on face could grew
Come reach that some such place
Where dreams can find some trace
And query this to our brain
If we can be human again !
For the pride of earth alone
Let’s cross over to moon …
Abhaya Sharma, India February 4 2009
and something for अभिषेक
सिने जगत में पिता तुम्हारे
और पितामह कवियों में
जितना भी सम्मान पा गए
मिले तुम्हे भी सदियों से
चलो कहीं हम मिलकर देखे
वो ख्बाब अधूरे आधे से
आज उन्हें फिर पूरा करके
हम जीवन में अमृत भर लें
कहीं किसी की भूख मिटा दें
तन पर कुछ कपडा पहना दें
बेघर को घरबार दिला दें
चमक जगा दें चेहरे पे
किसी जगह हम ऎसी पहुंचें
हो जहां सजे सपने अपने
अपने ही दिल से ये पूछ लें
क्या बन सकते इंसान नये
इस धरती के सुख की खातिर
चलो चांद के पार चलें ...
अभय शर्मा, भारत, 4 फरवरी 2009 11.13 रात्रि प्रहर
Come lets us walk together
In search of unmet dreams
In quest to make them true
To fill life with new brew
To quench the hunger of few
Let clothes be on them too
For homeless a home too new
So smile on face could grew
Come reach that some such place
Where dreams can find some trace
And query this to our brain
If we can be human again !
For the pride of earth alone
Let’s cross over to moon …
Abhaya Sharma, India February 4 2009
and something for अभिषेक
सिने जगत में पिता तुम्हारे
और पितामह कवियों में
जितना भी सम्मान पा गए
मिले तुम्हे भी सदियों से
अमिताभ-पुत्र हरिवंश-पौत्र
अभिषेक सुनो क्या अभय कहे
मानवता के पथ पर बढ़कर
जग में नाम कमाओ तुम
सदा तुम्हारी साख रहे
भगिनी श्वेता का स्नेह मिले
सदा सुखी हो जीवन में
एश्वर्या से वह प्रेम मिले भगिनी श्वेता का स्नेह मिले
सदा सुखी हो जीवन में
धन्य जया जिन जन्म दिया
अमृत का प्याला जग समझे
आज तुम्हारे जन्म-दिवस पर
आओं मिल जुल आनंद करें
अभय शर्मा, भारत, ५ फरवरी २००९
अभिषेक बच्चन के जन्मदिन के अवसर पर
आज तुम्हारे जन्म-दिवस पर
आओं मिल जुल आनंद करें
अभय शर्मा, भारत, ५ फरवरी २००९
अभिषेक बच्चन के जन्मदिन के अवसर पर
The way your father in the Cine world
and grandfather in the realms of poetry
may you also be rewarded with repsect
for ages to come and in many more ways
Son of Amitabh and grandson of Harivansh
listen what thsi Abhay has to say
tread along the path of humanity
and earn a lot of fame and name
I wish you are loved for endless times
and sister Shweta loves you always
You always get to enjoy the life
Aishwarya's endless love be on your way
Jaya who gave you birth is a blessed mother
Goblet of nectar - The world considers
On your birthday today
let us all enjoy and let us all play!
Abhaya Sharma, translation February 10 2009.
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